बिहारी मजदूर की मौत पर खामोश हैं, सारे नम्बर वन बिहारी : नीलोत्पल मृणाल

बिहारी मजदूर की मौत पर खामोश हैं, सारे नम्बर वन बिहारी : नीलोत्पल मृणाल

Silent on Laborer's Death

Silent on Laborer's Death

दिवंगत को न्याय दिलाना, सभी बिहारियों का है धर्म

मुकेश कुमार सिंह, मुम्बई : Silent on Laborer's Death: विगत 3 मार्च को मुंबई के कुर्ला चेम्बूर इलाके के श्वेता अपार्टमेंट(Shweta Apartment) में लिफ्ट गिरने का हादसा हुआ, जिसमें बिहार के दरभंगा के रहने वाले 30 वर्षीय युवक गोपाल ध्यानी साहू की मौत हो गयी। इस मौत की घटना को सोसाईटी, अपार्टमेंट मालिक, लिफ्ट कम्पनी और कांट्रेक्टर ने मिल कर दबाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन इस बात की भनक, मुम्बई में रह रहे बिहार अस्मिता के प्रतीक और देश के नामदार लेखक सह समाजसेवी नीलोत्पल मृणाल(Social worker Nilotpal Mrinal) लगी। 3 मार्च की देर शाम श्री मृणाल ने मोबाइल के जरिये हम से बात की और पूरी घटना की विस्तृत जानकारी दी। नीलोत्पल मृणाल ने कहा कि इस घटना को उन्होंने बड़ी चुनौती के तौर पर लिया है। एक युवा मजदूर असमय इस दुनिया से चला गया लेकिन ना अभी तक सोसाइटी पर, ना ही अपार्टमेंट के स्वामी पर, ना ही लिफ्ट कंपनी और ना ही कांट्रेक्टर पर एफआईआर(FIR on the contractor) हुआ है। श्री मृणाल ने कहा है कि चूंकि मरने वाला गरीब बिहारी है, इसलिए कोई हाय-तौबा नहीं मची है। लेकिन उन्होंने शंखनाद कर दिया है।

Silent on Laborer's Death

इस घटना में एफआईआर भी दर्ज करवाएँगे और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने की भी लड़ाई लड़ेंगे। जब तक वे मुम्बई में हैं, सारे बिहारी को न्याय के साथ-साथ उचित सम्मान भी मिलेगा। नीलोत्पल मृणाल ने मुंबई और महाराष्ट्र के विभिन क्षेत्रों में रह रहे बिहारी समाज के लोगों से आग्रह किया कि न्याय की इस लड़ाई में, सभी लोग उनका साथ दें। 4 मार्च की सुबह से ही नीलोत्पल मृणाल ने अपने बिहारी सहयोगियों के साथ मृतक के घर और अपार्टमेंट में डेरा जमा  दिया। पुलिस आयी और किसी तरह से इस मामले को रफा-दफा करने में जुट गई। लेकिन तब तक बिहारी समाज का जमावड़ा लग चुका था। नीलोत्पल मृणाल के दबाब से पुलिस ने धारा 304 ए के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया। लेकिन पुलिस अधिकारी ने किसी को भी आरोपी नहीं बनाया।

जाहिर सी बात है कि आगे दिवंगत के परिजन को मुआवजे की राशि मिलने में मुश्किल होगी। थक-हार कर तत्काल नीलोत्पल मृणाल ने अपने सहयोगियों के बूते लाश के दाह-संस्कार के सारे इन्तजाम करवाये और दाह-संस्कार हो भी गया। दिवंगत विनोद ध्यानी साहू के परिवार पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। एक बूढ़ी माँ, बेबा हुई पत्नी और तीन मासूम बच्चे अब किसके सहारे रहेंगे। ननिलोत्पल मृणाल के नेतृत्व में 5 मार्च से क्राउड फंडिंग का सहारा लिए जाने पर सहमति बनी है। श्री मृणाल ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च उनके कुछ मित्र उठाने को तैयार हो गए हैं। यह समय बिहारी एकता का है।

विभिन्न प्रदेशों में बिहारियों की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारण यह है कि ऐसे कठिन मौके पर अपने को नम्बर वन आईएएस, आईपीएस, धनाढ़्य और नम्बर वन बिहारी कहने वाले कहीं दुबक जाते हैं। लेकिन इस मामले में, वे बिहारियों को एक साथ और एक जाजम के नीचे लाकर दिवंगत को न्याय दिला कर रहेंगे। वाकई, यह मौत का मामला है। इससे बड़ा कोई मामला हो ही नहीं सकता है। बिहारी स्वाभिमान और अस्मिता के लिए दिवंगत विनोद साहू को न्याय दिलाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए।

यह पढ़ें:

माथे पर चंदन, गले में रुद्राक्ष की माला और महाकाल पर एक टक नजर; विराट कोहली और अनुष्का महाकालेश्वर के द्वार पहुंचे, गेट पर कुछ ऐसे बैठ गए

मुझे टॉर्चर कर रही CBI; मनीष सिसोदिया ने कोर्ट में शिकायत लगाई, मगर जज ने बढ़ा दी इतने दिन की रिमांड

राजनाथ सिंह ने इजराइली रक्षा मंत्री से अहम रक्षा परियोजनाओं पर की चर्चा